जोड़ों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य से लड़ें
अस्थि–धातु (हड्डियाँ) शरीर की संरचना का महत्वपूर्ण तत्व है। हड्डियाँ हमारे शरीर को मजबूती देती हैं और मांसपेशियों को संलग्न करने के लिए सतह प्रदान करती हैं, जो हमे अपने अंगों, शरीर और सिर को हिलाने में उपयोगी है, जिससे हम विभिन्न गतिविधियाँ करने में समर्थ होते हैं। वे शरीर के आंतरिक महत्वपूर्ण अंगों की रक्षा करते हैं। कैल्शियम का संग्रह करते हैं और जरूरत पड़ने पर आपूर्ति करते हैं। कैल्शियम न केवल मजबूत हड्डियों के निर्माण और देखभाल के लिए आवश्यक खनिज है,किन्तु हमारे शरीर में सभी कोशिकाओं के कार्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
स्वस्थ हड्डियों के निर्माण के लिए पोषक आहार आवश्यक है। कैल्शियम, फास्फोरस, ज़िंक और मैग्नीशियम महत्वपूर्ण खनिज हैं जिनका समावेश हमारे आहार में अवश्य होना चाहिए। हड्डियों के प्राकृत निर्माण और विघटन के लिए विटामिन डी, के और ए की भी आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों के बिना, हमारी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और टूटने की संभावना अधिक होती है।
कैल्शियम और विटामिन डी मजबूत हड्डियों के निर्माण में महत्वपूर्ण घटक हैं। अपने शरीर का ढांचा/कंकाल कैल्शियम का प्रमुख संग्रह कोष है, और विटामिन डी आहार से कैल्शियम के प्रभावी शोषण में शरीर की मदद करता है। हड्डियाँ हमेशा नूतनीकरण की स्थिति में होती हैं – नए अस्थि ऊतक (कोशिका समूह) निर्माण होते हैं और पुराने बदले जाते हैं। युवावस्था में पुरानी हड्डी के विघटन की अपेक्षा नयी हड्डी का निर्माण तेज़ी से होता हैं। करीब बीस साल की आयु के बाद यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस तब होता है जब हड्डी के नए ऊतकों के निर्माण से पुराने हड्डी के ऊतकों का विघटन ज़्यादा होता है।
आजीवन कैल्शियम की कमी ऑस्टियोपोरोसिस नामक अवस्था का प्रमुख कारण बनता है। कैल्शियम की कमी हड्डियों की घनता में कमी, हड्डियों की समय से पहले हानि और फ्रैक्चर के ख़तरे को बढ़ाती हैं। रजोनिवृत्ती के बाद महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा अधिक होता है। उचित औषधि और पोषक आहार का सेवन, नियमित व्यायाम हड्डियों में होनेवाली असमय हानि को रोकने या पहले से कमजोर हड्डियों को मजबूत करने में मदद करते हैं।
‘आयुर्वेद’ को जीवन के विज्ञान के रूप में जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार अस्थि धातु हमारे शरीर में उपलब्ध सात धातुओं में से एक है। अस्थिपोषक (हड्डी के लिए पोषक} आहार की कमी अस्थि धातु की शक्ति और घनता को नुक़सान पहुँचाता है। आयुर्वेद में विविध वनस्पति औषधि और खनिजों का वर्णन किया गया है जो मज़बूत हड्डियों के निर्माण के लिए उपयोगी हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी विकारों में लाभदायक होते हैं।
कॅल टैबलेट ऑस्टियोपोरोसिस और उससे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के चिकित्सा में उपयोगी उत्कृष्ट औषधि योग है। कॅल टैबलेट विशेष रूप से हड्डियों के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बनाया गया सूत्र है। यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और उनसे संलग्न संयोजी ऊतकों (मांसपेशियों, कण्डरा और स्नायुबंधन) को बल देता है। यह कैल्शियम का प्राकृतिक स्रोत है, स्वस्थ हड्डियों के निर्मिती को उत्तेजना देता है और बीएमडी (बोन मिनरल डेंसिटी) को बढ़ाता है। यह बढ़ती उम्र में होनेवाली हड्डियों के घनत्व की कमी की आपूर्ति करने में मदद करता है। यह सभी उम्र के और रोगियों के सभी अवस्था में दीर्घ समय तक उपयोग के लिए भी पूरी तरह से सुरक्षित है।
कॅल टैबलेट में समाविष्ट अस्थिशृंखला और गुडुची प्रसिद्ध, संशोधन आधारित वनस्पति औषधियाँ हैं जो हड्डी को उपयुक्त पोषण प्रदान करती हैं और अस्थिभग्न के शीघ्र संधान में मदत करती हैं। अर्जुन वनौषधि प्राकृतिक रूप से कैल्शियम के स्तर को बढ़ाने में मदद करती है। बला मांसपेशियों, स्नायुबंधन को मजबूत करने में मदद करता है और अस्थि और संधि को बल प्रदान करता है। गुग्गुल हड्डियों के पुनरनिर्माण में मदद करता है, हड्डियों के घनता को बढ़ाता है। गुग्गुल, गुडूची और दशमूल प्रसिद्ध शोथनाशक घटक हैं जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं। कुक्कटाण्डत्वक और मुक्ताशुक्तिपिष्टी नूतन स्वस्थअस्थि के पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं जिससे ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण स्वाभाविक रूप से कम हो जाते हैं।
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